Book Title: Vishva Sanchalanno Muladhar
Author(s): Ratnabodhivijay, Sanyambodhivijay
Publisher: Jainam Parivar

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Page 10
________________ zi प्रभु ग्रज्ञान हे उग्र साकार संपन्न महासंदm उग्रपैराम कथा उपर सर्व रामहर्ष मोह अज्ञान मुझे प्रेम प्रशासनना मुख्य आहाधक समार्गे नुसरा उग्रप्रदा सहा ले आले नैन साधुनी साधुना ना दिवशेष दादांनी अनुवाद भगत येने দৈ& प्रत्युमान की आराधना विभागानुआप्यार तने शहक হরেন। उদर গলरहो सारा आदमी प्रदल घत्नोहोचले वि ऊर हो तई व्यवहारमा पद्‌गस्यासतो का, प्रलुक शासन, अनंता सनंत प्रभु समझा देता को पारयुद्ध सा शासन‌ना होय पहायता से विकार रूप हये उपाध्ये पहा धनोप जोध अनिवार्य हो यो दिना हेये परसानु ज्ञान उसने उपाईद ५९साइड ड्रगक पल मुख माझे प्रभुशासनना सर्वतोमुखाज्ञाननी सांगित 21219224 प्रशासनमा महान सानु लगवंतो या अनड सिषदोन दिलेसनयुक्त संज्ञित रूप दोजा रूप पुस्तक पुरिन अको तैयार इन सवाসहो त उठणार उ‌दावतारले धन्यबादधे प्रयुशासननी खंड विशेष सेवाये ते अनुमाईला पूই आमा सहयोग अपनाउने धन्दवाई‌ अनुमोदना 56धुछअस्थाता होषणा झद‌ो खर पुन निघ विद्यावदानाय सुधाहमद ing in that york on HRABISIPI सेन aিoa meघोष अनु 2.54 £1.4.27. Zasi-2041412.

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