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जैन दर्शन और विज्ञान बालक द्वारा वर्णित सचनाओं का आधार अतीन्द्रिय ज्ञान-शक्ति द्वारा माना जा सकता है, किन्तु उसके द्वारा किया जाने वाला भावपूर्ण व्यवहार का आधार अतीन्द्रिय ज्ञान-शक्ति से प्राप्त सूचनाओं को नहीं माना जा सकता।
एक प्रश्न यह भी उठता है कि यदि ये सूचनाएं अतीन्द्रिय ज्ञान-शक्ति द्वारा ही प्राप्त की गई हैं, तो बालक इनका वर्णन पूर्वजन्म की स्मृतियों के रूप में क्यों करता है? अतीन्द्रिय ज्ञान-शक्ति से प्राप्त सूचनाओं का सभी व्यक्ति पूर्वजन्म की स्मृतियों के रूप में तो वर्णन नहीं करते। अर्थात् कुछ व्यक्ति तो अतीन्द्रिय ज्ञान-शक्ति से प्राप्त सूचनाओं का वर्णन पूर्वजन्म की स्मृतियों से देते हैं और कुछ व्यक्ति इस रूप में नहीं, ऐसा क्यों? इस प्रश्न के उत्तर में कभी-कभी यह कहा जाता है कि ऐसा सांस्कृतिक प्रभावों के कारण होता है अर्थात् वे समाज जिनकी संस्कृति पुनर्जन्म की मान्यता में आस्था रखती है अतीन्द्रिय शक्ति से प्राप्त ये सूचनाएं पूर्वजन्म की स्मृतियों का रूप लेती है और जिन समाजों में इस तरह की आस्था नहीं है, वहां ऐसा रूप नहीं लेती। यह सत्य है कि पूर्वजन्म की स्मृतियों के दृष्टांत व सांस्कृतिक आस्था में काफी महत्त्वपूर्ण सहसम्बन्ध पाया गया है फिर भी हम यह देखते हैं कि उन समाजों में जिनकी संस्कृति में पुनर्जन्म में किंचित् भी आस्था नहीं पाई जाती पुनर्जन्म के कई दृष्टांत पाये गये हैं। अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड व अनेक अन्य ऐसे देश हैं जिनमें पुनर्जन्म-विरोधी संस्कृति प्रचलित है और जहां कि बहुत से व्यक्ति पुनर्जन्म के बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं या जो थोड़े-बहुत लोग जानते हैं वे इसे एशियावासियों का मूर्खतापूर्ण अन्धविश्वास मानते हैं, उनमें भी पुनर्जन्म के दृष्टांत मिलते हैं। मुसलमानों तक में इस तरह के दृष्टांत पाये गये हैं।
कभी-कभी तो ऐसा भी हुआ है कि जब इस तरह की सूचनाएं मस्तिष्क में इस तरह उभरने लगीं कि मानो वे पहले की कोई स्मृतियां हो तो व्यक्ति ने उन पर अविश्वास करके इन्हें स्मृतियों के रूप में स्वीकार न करने की चेष्टा भी की, किंतु उन्होंने उन्हें बार-बार उसी रूप में पाया, जिसमें कि अतीत के अनुभवों के बिम्ब मस्तिष्क में उभरते हैं।
____ अध्ययन करने पर यह भी ज्ञात हुआ है कि ऐसे कुछ ही बालकों में जिन्होंने कि पुनर्जन्म की स्मृतियों का वर्णन किया, अतीन्द्रिय ज्ञान की शक्ति थी। अधिकांशत: बालकों में यह शक्ति बिल्कुल नहीं पाई गई। भूतावेश
किसी व्यक्ति में यदि कोई मृतात्मा प्रवेश कर जाये, तो वह व्यक्ति भी मृत व्यक्ति से सम्बन्धित सही-सही जानकारी प्रस्तुत कर सकता है और उसके व्यवहार
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