Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): Mahendramuni, Jethalal S Zaveri
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 343
________________ ३२८ जैन दर्शन और विज्ञान परमाणु का तीव्रतम वेग परमाणु एक 'समय' में पूरे लोक की ऊंचाई को पार कर सकता है। इसका तात्पर्य हुआ कि उसका उत्कृष्टतम वेग है-१४ रज्जु/समय। एक रज्जु का मान असंख्यात योजन है। 'असंख्यात' का मान जैन दर्शन में प्रदत्त गणितीय आधारों पर निकालने से इस प्रकार प्राप्त हैअसंख्यात x से कम नहीं है जहां ० १०१३४ बार X=Y है तथा जहां Y का मूल्य माना गया है। __ आधुनिक विज्ञान के अनुसार विश्व में उत्कृष्टतम् वेग प्रकाश का है जो ३ लाख किलोमिटर/सैकिण्ड है। आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सिद्धांत के अनुसार इससे १. इसकी पूर्ण गणितीय गणना के लिए मुनि महेन्द्र कुमार द्वारा लिखित विश्व-प्रहेलिका, . पृ. २५५-२७० द्रष्टव्य है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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