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जैन दर्शन और विज्ञान परमाणु का तीव्रतम वेग
परमाणु एक 'समय' में पूरे लोक की ऊंचाई को पार कर सकता है। इसका तात्पर्य हुआ कि उसका उत्कृष्टतम वेग है-१४ रज्जु/समय। एक रज्जु का मान असंख्यात योजन है। 'असंख्यात' का मान जैन दर्शन में प्रदत्त गणितीय आधारों पर निकालने से इस प्रकार प्राप्त हैअसंख्यात x
से कम नहीं है जहां
० १०१३४ बार
X=Y
है तथा जहां Y का मूल्य
माना गया है।
__ आधुनिक विज्ञान के अनुसार विश्व में उत्कृष्टतम् वेग प्रकाश का है जो ३ लाख किलोमिटर/सैकिण्ड है। आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सिद्धांत के अनुसार इससे १. इसकी पूर्ण गणितीय गणना के लिए मुनि महेन्द्र कुमार द्वारा लिखित विश्व-प्रहेलिका, . पृ. २५५-२७० द्रष्टव्य है।
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