Book Title: Vijay Vvallabhsuri Smarak Granth
Author(s): Mahavir Jain Vidyalaya Mumbai
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 15
________________ १२ ७. प्रथमानुयोगशास्त्र भने तेना प्रणेता स्थविर आर्यकालक ८. श्वे. गुरु विमलसूरिनी प्रश्नोत्तर - रत्नमाला ९. ब्रह्मविहार - जैन भने जैनेतर दृष्टिए १०. श्री पार्श्वनाथनी एक प्राचीन धातुप्रतिमा ११. प्रकाशानुं एक प्राचीन शिल्प १२. श्री पंचासरा पार्श्वनाथना मन्दिर विषेना केटलाक डॉ. भोगीलाल ज. सांडेसरा, ऐतिहासिक उल्लेखो १३. गुजरातनुं प्रथम इतिहास काव्य १४. सोलंकी राजवीओनो स्यागधर्म आचार्य विजयवल्लभसूरि स्मारक ग्रंथ मुनिश्री पुण्यविजयजी पं. लालचंद्र भगवान गांधी प्रा. जयंतीलाल भाईशंकर दवे, एम्. ए. डॉ. उमाकान्त प्रेमानन्द शाह, १५. यक्षपूजानी ऐतिहासिकता १६. महाराजा जयसिंह सिद्धराजना चांदीना सिक्का १७. हेमचन्द्राचार्य : एमनुं जीवन भने कवन १८. ' खुशफहम ' सिद्धिचंद्रगणिकृत नेमिनाथ चतुर्मास कम् २५. ब्रह्म व्रतेषु व्रतम् २६. धर्म अने संस्कृति २७. श्री महावीर परमात्मानुं व्यापक जीवन २८. निग्रंथ सिद्धांतनी उत्तमता २९. जैन जातकोना चित्रप्रसंगोवाळी कल्पसूत्रनी सुवर्णाक्षरी प्रत ३०. चित्र - परिचय १. केटलाक प्राचीन जैन शिल्पो एम्. ए., पीएच्. डी. श्री शिवलालदास शंभुभाई देसाई ३२. श्रीयशोविजयोपाध्याय अने तेमणे लखेली हायपोथी नयचक्र Jain Education International श्री चुनीलाल वर्धमान शाह श्री कनैयालाल भाईशंकर दवे १९. भावलिंगनुं प्राधान्य २०. ' तत्त्वार्थश्रद्धानम् - सम्यग्दर्शनम्' एटले शुं ? २१. मनुष्य एकलो नथी श्री दलसुख मालवणिया २२. वादिदेवसूरिनुं जन्मस्थान कयुं ? श्री गोकुळभाई दोलतराम भट्ट १३२ २३. ‘क्षमारि' पालनना बे अप्रकट ऐतिहासिक लेखो श्री नागकुमार मकाती, बी. ए., एल्एल्.बी. १३४ २४. वडनगरनी शिल्पसमृद्धि १३७ श्री रमणलाल नागरजी महेता श्री मनसुखलाल ताराचंद महेता मुनिश्री कल्याणचंद्रजी १४१ १४९ १५३ श्री फतेहचंद झवेरभाई शाह डॉ. वल्लभदास नेणसीभाई १५७ श्री साराभाई मणिलाल नवाब १६१ श्री अमृत पंड्या प्रा. रमणलाल सी. शाह, एम्. ए. डॉ. मंजुलाल र. मजमुदार, एम्. ए., एल्एल्. बी., पीएच. डी. डॉ. भगवानदास म. महेता, एम्. बी., बी. एस्. श्री ' संतबाल ' एम्. ए., पीएच्. डी. ७६ प्रा. जयन्त प्रे. ठाकर, एम्. ए., कोविद ૮૪ २. जैन साध्वीजीओनी भव्य पाषाण-प्रतिमाभो ३. पाटणना जैन मंदिरमांनो एक सुन्दर काष्ठपट ४. ऐतिहासिक वस्त्रपट ३१. 'सुपासनाहचरियं'नी हस्तलिखित पोथीमांनां मुनिश्री पुण्यविजयजी मुनिश्री यशोविजयजी मुनिश्री यशोविजयजी मुनिश्री यशोविजयजी रंगीन चित्रो मुनिश्री पुण्यविजयजी डॉ. उमाकान्त प्रेमानन्द शाह, पृष्ठ ४९ ५७ ६६ For Private & Personal Use Only ७० ७३ ९३ ९६ १०२ ११२ ११७ १२० १२६ १२८ एम्. ए., पीएच. डी. १६८ १७२ १७४ १७५ १७६ १८१ www.jainelibrary.org

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