Book Title: Ajab Jivanni Gajab Kahani
Author(s): Gunhansvijay, Sanyambodhivijay
Publisher: Jainam Parivar

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Page 45
________________ 'ઉપમાઓ હુાસ0 દેખાડેલું સાધુ જીવાળું હવાઇ भगवान के श्रमाणों की 22 उपमाएं कमल के समान निर्लेप Min आकाश के समान आलम्बन रहित पवन के समान ग्रहरहित। चन्द्र के समान सौम्य जीव के समान अप्रतिहतगति शुद्ध स्वर्ण के समान निर्दोष चारित्रवान 2 कछुए के समान गुप्तेन्द्रिय शंख के समान कांसे के उज्ज्वल-राग रहित पात्र की तरह निर्लेप Elhid PIE DIL 20 Inh2 सूर्य के समान तेजस्वी मारण्ड पक्षी के सम्मान अप्रमत्त यज्ञाग्नि के समान तेजोंदीप्त समुद्र के समान गम्भीर 16 17 गेंडे के सींग के समान एकाकी पक्षी के समान परिकर से मुक्त हाथी के समान शक्तिशाली A शरद ऋतु के जल के समान स्वच्छ हृदय मेरु के समान अप्रकम्प वृषभ के समान धैर्यशाली पृथ्वी के समान क्षमाशील सिंह के समान पराक्रमी

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