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बादरपुढविकाइयएगिदिय०, से किं तं सुहुमपुढविकाइयएगिदियतिरि०?, २ दुविहा पं० २०-पजत्तसुहुम० अपजत्तसुहुम०, से तं सुहुम०, से किं तं बादरपुढवीकाइय०?, २ दुविहा पं० २०-प्रजतबादरपु० अपज्जत्तबादरपु०, से तं बायरपुढवीकाइयएगिदिय०, से तं पुढवीकाइयएगिदिय०, से किं तं आउक्काइयएगिदिय०?, २ दुविहा पं० २०-एवं जहेव पुढवीकाइयाणं तहेव, वाउकायभेदो एवं, जाव वणस्सतिकाइया, से तं वणस्सइकाइयएगिंदियतिरिक्ख०, से किं तं बेइंदियतिरिक्ख०?, २ दुविधा पं० २०पजत्तकबेइंदियति० अपजत्तबेइंदियति०, से तं बेइंदियतिरि०, एवं जाव चरिदिया, से किं तं पंचेंदियतिरिक्खजोणिया ?, २ तिविह। पं० ०-जलयरपंचेंदिय० थ्लयरपंचेंदिय० खहयरपंचेंदिय०, से किं तं जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया?, २ दुविही पं० तं०-समुच्छिमजलयरपंचेंदिय० य गब्भवतियजलयरपंचिंदिय०, से किं तं समुच्छिमजलयर० तिरिक्खजोणिया?, २ दुविहा पं० तं०-प्रज्जत्तगसंमुच्छिम० अपजत्तयसंमुच्छिम०, सेत्तं जलयर, से तं समुच्छिम० पंचिदियतिरिक्व० से किं तं गब्भवतियजलयर|पंचेदियतिरिक्खजोणिया? २ दुविधा पं० ० - प्रज्जत्तगब्भवक्रतिय० अपजत्तगब्भ०, से तं गब्भववंतियजलयरपंचेदियतिरि०, सेत्तं जलयरपंचेदियतिर०, से किं तं थलयरपंचेदियतिरिक्खजोणिता?, २ दुविधा पं० २० - चउप्प्यथलयरपंचेंदिय० परिसपथलयरपंचेंदिय०, से किं तं चउम्पदथ्लयरपंचिंदिय०? २ दुविहा पं० २० - संमुच्छिमचउम्पयथलयर० गब्भवतियचउपयथलयर० य जहेव जलयराणं तहेव चउकतो भेदो, सेत्तं चउप्पदथलयरपंचेंदिय०, से किं तं परिसप्पथलयर॥ श्री जीवाजीवाभिगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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