Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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सुहमवाउ० विसेसा० सुहुमनिओया असंखेजगुणा बायरवणस्सतिकाइया अणंतगुणा बायरा विसेसाहिया सुहुमवणस्सइकाइया असंखे० सुहुमा विसेसा०, एवं अपजत्तगावि पजतगावि, णवरि सव्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पजत्ता बायरतसकाइया पज्जत्ता असंखेजगणा पत्तेयसरीर० सेसं तहेव जावसहमपज्जत्ता विसेसाहिया, एएसिंगं भंते ! सहमाणं बादराण य पजत्ताणय अपजत्ताण य कयरे०?, सव्वत्थोवा बायरा पज्जत्ता अपज्जत्ता असंखेजगुणा सव्वथोवा सुहुमा अपज्जत्ता सुहमपजत्ता संखेजगुणा, एवं सुहमपुढवी बायरपुढवी जाव सुहमनिओया बायरनिओया नवरं पत्तेयसरीरबायरवण सव्वत्थोवा पज्जत्ता अपज्जत्ता असंखेजगणा, एवं बादरतसकाइयावि, सव्वेसिं पज्जत्तगाणं कयरे०?, सव्वत्थोवा बायरतेउवाइया पजत्ता बायरतसकाइया पज्जत्तगा असंखेजगुणा ते चेव अपज्जतगा असंखेजगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइअपजत्ता असंखे० बायरणिओया पजत्ता असंखेज० बायरपुढवी० असं० आउ० वाउ० प्रज्जत्ता असंखे० बायरतेउकाइयअपज्जत्ता असंखे० पत्तेय० असंखे० बायरनिओयपज्जत्ता असं० बायरपुढवीआउवाउकाइ० अपजतगा असंखेजगुणा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा असं० सुहुमपुढवीआउवाउअपजत्ता विसेसा० सुहुमतेउकाइयपजत्तगा असंखे० सुहमपुढवीआउवाउपजत्तगा विसेसाहिया सुहुमणिगोया अपजतगा असंखे० सुहमणिगोया पजतगा असंखे० बायरवणस्सतिकाइया पज्जतगा अणंतगुणा बायरा पज्जतगा विसेसाहिया बायरवणस्सइअपजत्ता असंखे० बायरा अपज्जत्ता विसे० बायरा विसेसाहिया सुहुमवणस्सतिकाइया अपजत्तगा असंखे० सुहुमा अपज्जत्ता विसेसाहिया ॥श्री जीवाजीवाभिगम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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