Book Title: Naychakra Sara
Author(s): Meghraj Munot
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpmala

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Page 10
________________ ६१ । नेकगम अशुद्ध शुद्ध पृष्ट पंक्ति अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति नमधर्म नन्तधर्म ८६ १५ । सगह संग्रह १०३ ४ कारण करण ८६ १३ | प्पभए पत्तए १०६ ७ क्रियाक्रिय ६१ ६ कारणात कारणता ११० १ क्रिया .क्रिय ६१ ७ सहना कहना ११२ ११ अचेतना अचेतन वंजणेणभयं वंजणेणभयं ११५ ५ गंध गन्धरस | नेकम ११७ ७ द्रव्यव्यंजन द्रव्य १४ १ जीव जीवगम ११६ निखसेस निरवसेस .... | निराचरण निराचक्षाणः ११६ च उकं चउकं ५ २१ / प्रवर्त प्रवर्त . १२३५ द्विविधः द्विविधः सहज निंद निंद्र. १२५ १३ सांकेतिकश्च स्थापनाऽपि द्विविधः ६६ १ शब्दत्वे शब्दत्वं . १२६ १५ क्रियायाः- क्रियायाः सम्यग्- कामादि १३१ ४ दर्शन ज्ञान चारित्र रहितयाः सर्वझ सर्वज्ञ ऐहिकामुष्मिकार्य प्रवृत्तयाः ६६ २१ १३६ ६ गुनै ऽनै ६७ १ आत्मा को यास्ते . यास्त्वे . ८ २ मिलता आत्मप्राप्ति १३७ १५ सामान्य सामान्य तिर्यक् मुनि श्रुत १४३ १४ सामान्यं च तत्रोर्ध्व सामान्य द्रव्यमेव तिर्यक् सामान्यं १०० . कर

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