Book Title: Jyotish Granth
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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 51) 121 बागेमोडना). मस्त में योग अपमेगोकापाला करना चाहिये और भयारिलो पर मस्ते अस्त्रा करने योग्य हो जाता है। रोगों में रातमोग, कमारयोग Astam, सहयोग अगतसिंग मेरो जितने तमिले है। सवयोग-४-१-४-१०-३-२०ी प्रेशर सबहोशों को दूर करते है कहा है सर्यभार गोतियREAनर० ने रविमोगा स्थानिय विकास मिले। कुमारयोग-विनर रोहितानलेश। वारसास्वामूलतmपूधगार मान से नवाजा नात्र, सोगाला एक मरेलाई चार र इज में से कोई तक होता है ख महान होता है। सरोग-गरमगसिर / पुष्पा की / सिंजारराशाखतिढा भनिधार. हाहासेकोई नत्र,रवि मंगल। उधाशकइनमें से कोईवार और शश १५६नोतिने मरसन्नता कहि रेशतिरानवार- कमेनरो For Private And Personal Use Only

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