Book Title: Jyotish Granth
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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1282) Taहिमानता मूला रेसादानशार। तिHिARATसेता। सोम-रोनिजकाहस्तावात मण्यारभर यो और ताशा गावालाना !! मायाम और 12 / मिति धमा-अमावास्येकाच्याहस्ताकरे ! शेरशाापूला और२७२ तियां। 2 मा धान कावाशिवाजिनामा॥१५तिम एक-शिनानागारदारपूफर। सामुनक्षत्र और६१३ (1 -रोहिनाभिस्वाति अनुरामा मशागतीष्ठात्यार्थविन होतो जानते है . संभतासापोग-विहारमशविरा 34 जाबार अनाकारतारेवती। मानिस हितधोग बनते हैं। प्रत, लेखा अमृत सिमोसे (11 ताकाको भाते हो तो बजेमाय हैं). For Private And Personal Use Only

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