________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11(2) (जसजदाशा) तामान और उनमें करने का 1661 का पहला भाग का और विमानाmmeराविक वा सानtan . नवरूामाको हालसमें सर नसका सही समदरना चाहिये। जो काचे जिस नक्षत्र में करना हा वह उसका में करना चाहिये। हिमाल पारिता सब बातें नक्षत्र की तरह मात्रा में मीनार माहिये। इस ते सगरमोक्त यदि होपारविसेमानंसानिमामाया: ज-बनेकार रहनों गोच तन्नामाशिमं तत्।।४।। तग पशिसाल लदो हिक रस्ताहि काही पारिचर-नवयम् माए सोनाक्षण हिासागों में मूल, शालेला ना स्ल और मूर्शकालाजीतने जराहक तत्ता पाम मुहूर्त है 5 में करने दर और शो होता है शेष अनराम पुला उत्तराIGHTar,रोहिन का For Private And Personal Use Only