Book Title: Jyotish Granth
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रमः am सानो हिवाबाजीकुना धिाम्। भूम्रो समेको विमानलेश्रया। छाया विवाति नियमितया पूवापर नदिक। सरप्लामा चन्द्रास्ताकार महासरः / चकरच कासात् सभामसलत / / नाजवाधापी विजया-चक्रमाता। ২য়কঞ্জিস্টর, कूषः स्युबेदहस्ताहिवारस्तान्तवस्तरा। श्रीमुख विरयः वार्ता हुनु मनोहर चूहमा हो लयोन नसकर कुंड यशवंत सदरीमती प्रती जनहर घमाररयता शतान्तप्रष्टहस्तावितरिहि कारयेत् / मध्यदेमलार्य धारक कष्ठात्रीकर। रुद्रन गपस्कन्दुसिोअमनारत श्री हरिहरहिवाकरमटेश्वरम्। न्मसेकात्यायनीही हाउपालिचरवी तपाईश्रीची प्राप्रमानालासुविन्यसेता। (शवगानिसमारसनगाधिमान अवतारहरेशन लिलाEिRTI For Private And Personal Use Only

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