Book Title: Jyotish Granth
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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - र वास्तुमारीप्रारम्भः नमस्मानी जगहियामाधामुहिनती उपहनीही हाहहायनी भवने श्री 1 वास्तुशार समय विरच्यते / हमा सारत्यारी स्तबके दस्तुजी 2 यायामाचे पोप्रश्चवाभाप्रवे। फाल्गुने च होते ते हने सई समाव / पुर्वापरासो गहा कके मोमोघट 112 तुला जालीरपत्रके व ग्राओत्तराननं जूरम कान्यानुमान के नव नारयेत् 13 अन्यान्तरे वशानाभसिंहले काहगे? चल्तिा यामा भर नहाया पर मारिया 14 भाभा बस्तिबारा गावोभना नायक उत्तर टोय हो हस्ता-मोबाचा नाय बतायाधचनी चैव सती नवमी तिथि: सकारियोमो वास्त कमेसु शोभार 6 पुरालियो भी मारत पूर्वाभ्यवस्यक उत्तरास्पंन कानयाहि-चारी 6 . AAL . . . . For Private And Personal Use Only

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