Book Title: Jyotish Granth
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 69
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ro तुरुनसाचष्टीच पटोलाजन जरी। सिंaaगतपासान् समातिष पर धूमले ये श्रीप्रोगहे रदोभूतपिवान हर शुभकारकीरा मिकिका प्रसकामहः७) अग्रहभिानिविनाशतमामान्य छायावामाना। नेहा रहे तित्याने हेममान त्यजेत् // मालता उमामाहा बहराकरली निशाम्य बाजपूत स मारतीचतिकरवारका नवर केतन प्रेता गिरिकताची - येवधरोहतेख तत्राभिवेत् / / ममते(मालताकेतकीरताहमाचीपनामे नकुलागोकपीपलीपनांबजे।। बारपाटलापुडासमालसमडणे. उत्पत्र नलिवेरापुरसानेजते / / हायान परित्यागा वन तनुते श्रियं / हेसलिनमाया धेरैमाकार tasur कोतोलूक्रयाहिसिंहस्पेनकपी त्यजोर।। For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94