Book Title: Jyotish Granth
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Page 78
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Achar बलमूर्तिलोकपालांकस्तया कुण्ठस्य श्रमिान! अवेलामा पास्तारा गास्नानफल पुरादिमध्ये वाचनालयानमुशर्म। यस्वामस्वापोनाधिनसतेः। ननवमलले प्रेतंकीरस्थानातचीत। तरेयरमर यह विराजितम्। अट: चीको हाधिकान्तनिवासका। Kaiदायवे स्टेज प्रभासता पिता/ काशीबवतोभयवेकानासमन। चित्रनिविपः समन्तास्वासित। कोटरीजताजावाहरोहरासतम्। रकचार चरिमेकानेक पुलाचितम्। संघकटनी राय कुर्याद्वारा यह सब वास्तुनी र सनक) कार - . . . For Private And Personal Use Only

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