Book Title: Jyotish Granth
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Page 64
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्र पान विश्वका काममुख्यैक्रोजन अपाच प्रयस्तिो बारेषास्यते छत। बालानां नानां यानी जते पाच यंत्यामन निंरते न मासभा असारसामना यंत्रपुरगेनित्रा अश्रमान विधामा प्रधानता परस्पर, परस्वाहानरुचयो विपापपय हार "अम्मालपालिमत्र गीतसम्रा गुरू मास्ताचा स्वभरिगरणा वधू' तत्रभानास्तीका पापा निर्मपाहारलंचाष अक्षयनीन्नाचार रहिता नरा. हिपभवने यत्र पसानामार्जना अनाnataनतत्राल-हमारी सहा वेशास्त्रविहिनं यनास्ताकाक्रांतीमहीजे मानामाहा लालयमा संस्कारवतं स्वामित स्वामीसच लिंगी परिचारित प्रेम तोडियमले पलीतांगोहसारभी। - केवा प्रश्न तपांगार तवते,तं / / " कमालासिर मसानीती स्वपट्टे परपुरित / मजोर नकुलाहाल संयं कलहारवे द्रव्यामकारेयान यतालयं बोतल तस्माघानमारित्यज्य शामि / For Private And Personal Use Only

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