Book Title: Jyotish Granth
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 45
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir font दिनदिन हिमाल हेरलते समय र, तिगत रदत्र को करता और न इसकी विसार कराने real करवार है उसने Ma स हितकोलोर देना जर रिक्सावारमा चलना। रारा, लप्रतिपदा - Rastram AR तमियों में अतिको माना जरी कर रखा हमे यहि कारबल रोबार किया जाय और कर इसराता मला सोलो सिगा जा सकता है। मैचोreparation नहा रहेनराहिले नाती-शाजनों में पकाये नितिहरे से से क्षमाद सौभानचोको करना। बालीभात, वैशभृति और परिवाई अहो तो उस निको हरेड हेमा सेवा और जीरे को मामलों बाकी आहट मौदान कर भकूत तिरस कला है। For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94