Book Title: Jain Yogki Varnmala
Author(s): Mahapragna Acharya, Vishrutvibhashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati Prakashan

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Page 12
________________ १५१ १२३ १२७ १२८ १३० १३४ सरकार का कल का अहिंसा अणुव्रत सत्य अणव्रत अचौर्य अणुव्रत ब्रह्मचर्य अणुव्रत अपरिग्रह अणुव्रत (१) अपरिग्रह अणुव्रत (२) दिग् परिमाण व्रत भोगोपभोग परिमाण व्रत अनर्थदंड विरमणव्रत सामायिक व्रत देशावकाशिक व्रत पौषधोपवास व्रत यथासंविभाग व्रत अहिंसा महाव्रत सत्य महाव्रत अचौर्य महाव्रत ब्रह्मचर्य महाव्रत अपरिग्रह महाव्रत • तपयोग तपोयोग : आहारशुद्धि तपोयोग : कायक्लेश आसन (१) आसन (२) आसन (३) ऊर्ध्वस्थान निषीदन-स्थान (१) निषीदन-स्थान (२) काला कर कलकल कालकर कलकल कर कलक १२२ शयन-स्थान प्राणायाम (१) १२४ प्राणायाम (२) प्राणायाम (३) १२६ । प्राणायाम (४) प्राणायाम (५) रेचक १२६ प्राणविजय का फल १५८ प्राणायाम : मुक्ति की साधना में अनुपयोगी १५६ १३२ मन और पवन १६० १३३ तपोयोग : इन्द्रिय संयम १६१ प्रतिसंलीनता (१) १६२ प्रतिसंलीनता (२) १६३ प्रतिसंलीनता (३) १६४ इन्द्रिय-प्रतिसंलीनता १६५ कषाय-प्रतिसंलीनता (१) १३६ कषाय-प्रतिसंलीनता (२) १६७ कषाय-प्रतिसंलीनता (३) १६८ १४३ कषाय-प्रतिसंलीनता (४) १६६ १४४ योग-प्रतिसंलीनता (१) योग-प्रतिसंलीनता (२) १७१ १४६ कषाय-विजय (१) १७२ १४७ कषाय-विजय (२) १७३ १४८ कषाय-विजय (३) १७४ १४६ कषाय-विजय (४) १७५ १५० ! वीतराग (१) १७६ १७० व

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