Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 15
________________ पारस रे तेरी कठिन डगरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया किस विधि मैं तोहे पाऊँ रे साँवरिया कठिन तेरा जिन रूप में आना कठिन तेरे शुभ दर्शन पाना कठिन हटाना श्री मुख से नजरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया सयम नियम कठिन व्रत तेरे, तेरी तरह सुन भगवन मेरे ओढ़ना कठिन ब्रह्मचर्य की चदरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया कठिन महल तज वन में जाना कठिन रात दिन ध्यान लगाना टप अति कठिन, कठिन मुनिचर्या रे जिनवर तेरी कठिन डगरिया कठिन तुझे आहार कारण अंतराय से कठिन बचाना कठिन जिमाना बिन प्याली बिन थरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया कठिन प्रहार कमठ के सह के कठिन उपसर्ग में अवचिल रह के पायी कठिन केवल की उजरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया मोक्ष जहां से गया तू जिनराई उस पर्वत की कठिन चढ़ाई तुही ले चल मेरी थाम के उँगरिया पारस रे तेरी कठिन डगरिया 15

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