Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 70
________________ तेरे चरणो मे आये भगवान आशा लेके आये है तेरे चरणो मे आये. भगवान आशा लेके आये है। सुधर जाये प्रभु जीवन, ये इच्छा लेके आये है ॥ न आवे भाव हिंसा का वचन हितकर सदा बोले । शील संतोष मय जीवन की वांछा लेके आये है ॥ तेरे चरणो मे ॥1 सभी से प्रेम हो, हमको नही व्देष द्रष्टो से। भाव दऽखियो पे हम अपना दया को लेके आये है ॥ तेरे चरणो मे ॥2 काम और क्रोध की अग्नि हमारी शांत हो भगवन । लोभ, मद मोह मर्दन की सुचिता लेके आये है ॥ तेरे चरणो मे ॥3 रहे नित भाव समताका, न ममता हो हमे तन से । सफल शिवराम हो, कामना लेके आये है ॥ तेरे चरणो मे ॥4 70

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