Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 52
________________ स्वागतम गुरूवर शरणागतम गुरूवर स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, सुस्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, तुने भक्तों से वादा किया था, कि बुलाओगें जब चला आउंगा, जब बढ़ने लगेगा अंधेरा, ज्ञान का दीप आके जलाउंगा, स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, सुस्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, तेरी उम्मीद, तेरा सहारा, हमने रो-2 के तुझको पुकारा, हम तो तेरे है, तेरे रहेंगे, तु बता कब बनेगा हमारा, स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, सुस्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, तेरी राहों में पलकें बिछाई, तेरी आमद को गलियां सज़ाई, ना कर देर अब आजा प्यारे, वरना होगी बड़ी ज़ग हसाई, स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, सुस्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, तेरी दुनिया का दस्तुर है क्या, जिसे चाहो वो मिलता नही है, पर ये भी हकीकत है तुझ बिन, एक पत्ता भी हिलता नही है स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, सुस्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, तेरे दर पर मेरा सर झुका है, इसे दुनिया में झुकने ना देना, हम रहे ना रहे इस जहां में, नाम भक्तो का मिटने ना देना, स्वागतम गुरूवर, शरणागतम गुरूवर, 52

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