Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 63
________________ बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति करो झूम झूम के झूम झूम के, घूम घूम के, घूम घूम के, झम झम के विद्यासागर छोटे बाबा की भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की.... कुण्डलपुर की सुन्दर पहड़िया पहड़िया पे है सुन्दर अटरिया झूम झूम के, घूम घूम के, जहा विराजे बड़े बाबा, भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की... नए मंदिर में हुआ रे कमाल है बड़े बाबा की मूरत विशाल है झूम झूम के, घूम घूम के, मंदिर विराजे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की... विद्यासागर जी का यह सपना सपना देखो हो गया अपना झूम झूम के घूम घूम के से उठ गए बाबा, भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की.... बाज रहे मृदिंग मजीरा सारे जग की हर ली है पीड़ा झूम झूम के, घूम घूम के बिगड़ी बना दे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के बाबा कुण्डलपुर वाले की... 63

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