Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 46
________________ एक बार प्रभु आओ चाहे आके चले जाना एक बार प्रभु आओ, चाहे आके चले जाना, जाने नहीं देंगे हम, तुम जाके तो दिखलाना वो कौन घड़ी होगी, वो कौन सा पल होगा, तेरा दर्शन कर भगवन, मेरा जनम सफल होगा, एक पल की खातिर तुम, अब और ना तरसाना... एक बार प्रभु आओ, चाहे आके चले जाना, जाने नहीं देंगे हम, तुम जाके तो दिखलाना..... हमने तुझे पुजा है, मन वाणी कर्मों से, दीदार की प्यासी है, आंखे कई जन्मों से, इक झलक दिखा तुम, ये `प्यास बुझा जाना... एक बार प्रभु आओ, चाहे आके चले जाना, जाने नहीं देंगे हम, तुम जाके तो दिखलाना.. मेरी आस बंधी तुमसे, ये आस ना तोड़ोगे, ये दुनिया देख रही, विश्वास ना तोड़ोगे हूं पूर्ण समर्पित मैं, मुझको नही ठुकराना... एक बार प्रभु आओ, चाहे आके चले जाना, जाने नहीं देंगे हम, तुम जाके तो दिखलाना... 46

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