Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 65
________________ बजे कुण्डलपर में बधाई बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी जागे भाग हैं त्रिशला माँ के, के त्रिभवन के नाथ जन्मे, महावीर जी हो... शुभ घडी जनम की आई, सवरग से देव आये, महावीर जी तेरा नवन करें मेरु पर के, इंद्र जल भर लाए, महावीर जी हो.. तुझे देवीआं झुलाये पलना, मन में मगन हो के, महावीर जी तेरे पलने में हीरे मोती, के. गोरिओं में लाल लटके, महावीर जी हो... अब ज्योति तेरी जागी के सूर्य चाँद छिप जाए, महावीर जी तेरे पिता लुटावें मोहरें खजाने सारे खुल जाएंगे, महावीर जी हो... हम दरश को तेरे आए के पाप सब काट जाएंगे, महावीर जी बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी 65

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