Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 22
________________ मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है (जैन भजन) मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम गुरुवार, मेरा नाम हो रहा है पटवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है बिन मांगे मेरे गुरुवार हर चीज मिल रही है हर वार दुश्मनो का नाकाम हो रहा है मेरा आपकी कृपा से... मेरी जिंदगी में तुम हो, किस बात की कमी है मुझे और अब किसी की परवाह भी नहीं है तेरी बदौलतों से सब काम हो रहा है मेरा आपकी कृपा से... दुनिया में होंगे लाखों, तेरे जैसा कौन होगा तुझ जैसा बंदापरवर भला ऐसा कौन होगा तेरे नाम का ही सुमिरन, आराम दे रहा है मेरा आपकी कृपा से... 22

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