Book Title: Dharm Jivan Jine ki Kala
Author(s): Satyanarayan Goyanka
Publisher: Sayaji U B Khin Memorial Trust Mumbai

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Page 11
________________ अनुक्रमणिका १. धर्म क्या है ? २. शुद्ध धर्म ३. धर्म का सार ४. धर्म धारण करें ५. बुद्धि-विलास धर्म नहीं है ६. धर्म का सही मूल्यांकन ७. सही कुशल ८. समता धर्म ६. सरल चित्त १०. धर्म का सर्वहितकारी स्वरूप ११. धर्म ही रक्षक है। १२. क्या पड़ा है 'नाम' में ? १३. सत्य धर्म १४. विपश्यना क्या है ? १५. धर्मचक्र १६. सम्यक् धर्म १७. सत्य ही धर्म है। १८. धर्म-दर्शन १६. विपश्यना क्यों ? २०. आओ, सुख बाँटें my a inox M W D L M way wr w ७8 ६७ १०४

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