Book Title: Catalogue of Manuscripts at Jesalmer
Author(s): C D Dalal
Publisher: Central Library

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Page 90
________________ IN THE BIG BHANDAN AT JESALHERE. 15 End:-कह विलासवइ एह समाणिय नियबुद्धिहिं मं(मई ?) जारिस जाणिय । एह कह निसुणेविणु सारु मुणेविणु सयलपमायई परिहरहु ॥ असुहहं मणु खंचहु जिणवरु अंचहु साहारणु वि(थि?)रमणु व(ध?)रहु । इइ(य?) विलासवइ(ई)कहाए एगारसमा संधी समत्ता। समत्ता विलासवइ(ई)कहा. The portion of the author's pras'asti is incomplete on page 206. 132. (1) दशवैकालिकटीका (सचित्र ) by तिलकाचार्य. 186 leaves. (2) संग्रहणीवृत्ति by देवभद्रसूरि. 187-275 leaves. (मु.) (3) कल्पटिप्पन by पृथ्वीचंद्र. 276-338 leaves. Col:-लेखकवयजाशालायां लिखितं । 133. अंगविद्या 241 leaves. 34 x 2. ग्रंथान ९०००. Col:-संवत् १४४८वर्षे वैशाखसुदि ३ अयेह श्रीस्तंभतीर्थ खरतरगच्छे श्रीजिनभद्रसू. रिविजयराज्ये परिक्षिगूजरसुतपरिक्षिधरणाकेन अंगविद्यापुस्तकं लिखापितं । 134. उपदेशमालावृत्ति (दोघट्टी) by रत्नप्रभसूरि. 318 leaves. 27 x 21. 135. (1) ओघनियुक्ति. 2-36 leaves. 30 x 2. (मु.) (2) ओघनियुक्तिवृत्ति. 32-164 leaves. (मु.) Col:-संवत् १४८७ वर्षे श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरिपट्टालंकारश्रीगच्छनायकश्रीजिनभद्रसूरिसुगुरूणामादेशेन पुस्तकमेतल्लिखितं शोधितं च । लिखापितं साह धरणाकेन सुत साईयासहितेन । 136. जीतकल्पभाष्य (?). 50-330 leaves. त्रुटित 32x2. प्राकृत क्वचित्संस्कृत. 137. भगवती (मूल). 255 leaves. त्रुटित (मु.) 138. (1) नेमिचरित (भवभावनावृत्त्यन्तर्गत) by मलधारिहेमचंद्र. 1-255 leaves. 32 x 21. Beg:-अज्ज वि जस्स पवत्तइ धम्मो नीई य भरहवासम्मि । तं पढमजिणवरं पणति(पणि? )वयामि निद्दलियदुरिओहं ॥ Col:-इति नवभवप्रतिबद्धं श्रीनेमिजिनचरिताख्यानं समाप्तं । संवत् १२४५ वर्षे चैत्रसुदि १४ रवौ चरितमिदं लिखितं (2) जिण(न)दत्ताख्यान [by सुमतिगणि]. 265-294 (right) leaves, Beg:-जयउ विणिज्जियदुजयदुरंतकंदप्पदप्पमाहप्पं । दुदृढकम्मदोघटकेसरी जिणवरो वीरो॥ End:-आसी असेसमेइणिअस्संतभमंतकित्तिपन्भारो। सिरिनेमिचंदसूरी पाडिच्छयगच्छकप्पदुमो॥ चंदो व्व अमलमुत्ती सूरो इव सत्तवी(वा ? )इसंपन्नो। सिंधु व्व विविहरयणोवसोहिओ नीरसहिओ य ॥ जो सो उत्तमगुणरयणविउलनिहोसकोसभूएहिं । सिरिसव्वदेवसूरिहि टा (हिं ठा ?)विओ उत्तमपयंमि ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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