Book Title: Catalogue of Manuscripts at Jesalmer
Author(s): C D Dalal
Publisher: Central Library
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CATALOGUE OF PALM-LEAF MSS. ___Col:-संवत् १४०९ वर्षे पोषसुदि १० रवी श्रीपूर्णिमापक्षीयप्रथमशाषीयश्रीसाणंदसूरिपट्टे श्रीजयसमुद्रसूरिपट्टे श्रीगुणचंद्रसूरिपट्टे श्रीगुणप्रभसूरिशिष्यवीरचंद्रेण क्वावाप्रामे सामाचारीपुस्तिका लिखिता। 186. वार्तिकवृत्ति by शांत्याचार्य. 155 leaves. 12 x 2. (मु.)
Beg:-हिताहितार्थसंप्राप्तित्यागयोर्यन्निबंधनं । 187. उत्तराध्ययनसुखबोधा (प्रथमखंड). 221 x 21. (from 1st to 13th
अध्ययन. 188. काव्यकल्पलताविवेक. 385 leaves. 221x2l. Beg:-यत्पल्लवेन विवृतं दुर्बोधं मंदबुद्धिभिश्चापि।।
क्रियते कल्पलतायां तस्य विवेकोयमतिसुगमः ॥ सूर्याचंद्रमसावितिः । ___End:- [इति] कल्पपल्लवशेषे कल्पलताविवेकेऽर्थालंकारनिर्णयो नाम चतुर्थः परिच्छेदः । समाप्तः काव्य(कल्प ?)लताविवेकाभिधानः श्रीकल्पपल्लवशेषः।
___Col:-संवत् १२०५ श्रावणसुदि १४ शनौ । 189. (1) लिंगानुशासनविवरण by हेमाचार्य.1-103 leaves. 271 x 2.
ग्रं. २३८४. (2) उणादिगणविवरण. 1-83 leaves. 25] x 2. (मु.) 190. भगवतीवृत्ति (प्रथमखंड up to the 8th शतक) ग्रं. ९४३८. (मु.) 191. ( 1 ) जंबूदीवपन्नत्ति (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति).1-164 leaves. 251 x 2. (मु.)
(2) , चूर्णि. 165-233 leaves. 251 x 21. Then follows a pras'asti of 14 verses.
जजुः पट्टे तदीये विबुधपतिनताः प्रीणितप्राणिजाताः ज्ञानध्यानैकचित्ता जिनकुशलबुधाधीश्वराः शांतचित्ताः । चक्रुर्येषां मिषेण ध्रुवमवनितले संघभाग्यादिवाप्तं श्रीजंबूखामिमुख्यो युगवरनिचयः खोदयं सर्वलब्ध्या ॥ ११ ॥ श्रुत्वेत्याख्यां गुरुवचनरतो राजसिंहोत्र साधुजबूप्रज्ञप्तिसंज्ञस्य बहुशुभकृते तातमात्रोरिदानीं । पुस्तश्रीसत्रशाला शिवसुखजनिका व्यंजनाच्या विशाला
सोद-गोत्थयुक्तो व्यरचयत मुदा लेखयन्नव्यपुस्तान् ॥ १३ ॥ 192. ( 1 ) अनुयोगद्वार. 1-65 leaves. 271 x 2. (मु.)
(2 ) अनुयोगद्वारटीका by हरिभद्र. 67--163 leaves 193. (1) बृहत्कल्पपीठिका by मलयगिरि. 207 leaves. अं. ४६००.
Col:-संवत् १३७८ वर्षे मार्गशुदि ९ दिने समाप्तम् । ( 2 ) बृहत्कल्पवृत्ति ( 1 खण्ड ) by क्षेमकीर्ति. ग्रं. १५४००. Beg:-श्रीमलयगिरिप्रभवो यां कर्तुमुपाक्रमंत मतिमंतः।
सा कल्पशास्त्रटीका मयानुसंधीयते स्थविरा ॥ 194. द्वयाश्रय (सवृत्ति) वृत्ति by अभयतिलक. 300 leaves. 211x21. (मु.)
(from 6th to 12th सर्ग).
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