Book Title: Catalogue of Manuscripts at Jesalmer
Author(s): C D Dalal
Publisher: Central Library
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IN THE BIG BHANDAR AT JESALMERE.
43 340. (1) व्यवहारभाष्य. 1-155 leaves.
(2) [दशाश्रुतस्कन्धनियुक्तिवृत्ति?]. 156-280 leaves.jsp Xzy. Col:-संवत् १४९० वर्षे फा० वदि ९ गुरौ लिखितं श्रीस्तंभ......
श्रीव्यवहारभाष्यश्रीदशाश्रुतस्कंधनियुक्तिवृत्ति(?)पुस्तकं लिखापितं । 341. संग्रहणीविवरण (?) from 7th to 11th. 95 leaves. 324x2. 342. आवश्यकवृत्ति (प्रथमखंड) by मलयगिरि. 235 leaves. 301 x 21.
प्रशस्ति of 23 verses presented to जिनेश्वरसूरि pupil of जिनपति. 343. ( 1 ) औपपातिकवृत्ति. 1-42 leaves. (मु.)
Col:-संवत् १४८८ वर्षे मार्गसुदि ५ गुरुदिने......... (2) राजप्रश्नीयवृत्ति by मलयगिरि. 345 leaves. (मु.) Col:-संवत् १४८८ वर्षे मार्गसुदि ५ गुरुदिने......उवाइयसूत्रवृत्तिराजप्रश्नीयसूत्र
___ वृत्तिपु०लिखापितं । 344. उत्तराध्ययनबृहइत्ति. 395 leaves. 311x21. प्र. १४०००. Col:-संवत् १४५४ वर्षे अश्वनि( आश्विन )सुदि २ सोमे श्रीउत्तराध्ययनवृत्ति
पुस्तकं लिखितं । श्रीनेमिचंद्रसूरिरुद्धृतवान् वृत्तिकां तद्विनेयः। गुरुसोदयः श्रीमन्मुनिचंद्राचार्यवचनेन ॥१॥
___abridged from शान्त्याचार्य's वृत्ति. 345. (1) चंद्रदूतकाव्य. 1-18 leaves.
(2 ) मेघाभ्युदयकाव्यवृत्ति. 1-17 leaves. End:-श्रीपूर्णतल्लगच्छसंबंधिश्रीवर्धमानाचार्यस्खपदस्थापितश्रीशांतिसूरिविरचिता
मेघाभ्युदयकाव्यवृत्तिः । (3) वृन्दावनयमक. 1-31 leaves. ( 4 ) राक्षसकाव्यटीका contains also a prasasti of 4 verses. संवत् १२१५.
(5) घटखपरटीका. 1-52 leaves, 346. काव्यादर्श by सोमेश्वर.
Col:-संवत् १२८३ वर्षे आषाढवदि १२, शनौ लिखितमिति । 347. लीलावतीसारमहाकाव्य [by जिनेश्वरसूरि]. 264 leaves. Beg:-......संगसंगिपादांबुजन्मने ।
नमो जगतीशसेव्याय...... Col:-of 2nd उत्साह । इति श्रीवर्धमानसूरिशिष्यावतंसवसतिमार्गप्रकाशकप्रभुश्री.
जिनेश्वरसूरिविरचितप्राकृतश्रीनिर्वाणलीलावतीकथेतिवृत्तोद्धारे लीलावतीसारे जिनांके etc.
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