________________
पृष्ठ
१६१
१६२
१६४
१६६
or
or
ur
9
9
१७२
9
१७३
१७३
( 106 ) विषय •०६ वैक्रियमिश्र काययोगी की क्षेत्र स्पर्शना '०७ आहारक काययोगी तथा आहारकमिश्र काययोगी की
क्षेत्र-स्पर्शना .०८ कार्मण काययोगी की क्षेत्र-स्पर्शना '३७ सयोगी जीव का क्षेत्र-स्पर्श '०१ मनोयोगी और वचनयोगी का क्षेत्र-स्पर्श '०२ काययोगी का क्षेत्र स्पर्श '०४ औदारिकमिश्र काययोगी का क्षेत्र स्पर्श .०३ औदारिक काययोगी का क्षेत्र स्पर्श .०५ वैक्रिय काययोगी का क्षेत्र स्पर्श .०६ वैक्रियमिश्र काययोगी का क्षेत्र स्पर्श .०७ आहारक काययोगी का क्षेत्र स्पर्श -०८ आहारकमिश्र काययोगी का क्षेत्र स्पर्श '०९ कार्मण काययोगी का क्षेत्र स्पर्श •३८ सयोगी जीव कितने क्षेत्र में '०१ मनोयोगी और वचनयोगी कितने क्षेत्र में '०२ काययोगी कितने क्षेत्र में '०४ औदारिकमिश्र काययोगी कितने क्षेत्र में .०३ औदारिककाय योगी कितने क्षेत्र में .०५ वैक्रिय काययोगी कितने क्षेत्र में •०६ बैक्रियमिश्रकाययोगी कितने क्षेत्र में .०७ आहारक-काययोगी कितने क्षेत्र में .०८ आहारकमिश्रकाययोगी कितने क्षेत्र में -०९ कार्मणकाययोगी कितने क्षेत्र में •३९ सयोगी जीवों की कालस्थिति '०१ पंच मनोयोगी-पंच वचनयोगी की कालस्थिति .०२ काययोगीजीवों की कालस्थति .०३ औदारिककाययोगी जीवो की काल स्थिति •०४ औदारिकमिश्रकाययोगी जीवों की कालस्थिति .०५ वैक्रियकाययोगी जीवों की कालस्थिति .०६ वैक्रियमिश्रकाययोगी जीवों की कालरथिति '०७ आहारककाययोगी जीवों की काल स्थिति .०८ आहारकमिश्रकाययोगी जीवों की कालस्थिति .०९ कार्मणकाययोगी जीवों की कालस्थिति
योग की स्थिति
१७४ १७४ १७५
9
१७७ १७८ १७९ १७९ १८०
१८० १८७
१८९ १९०
१९९ २०३ २०५ २०७ २१०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org