Book Title: Anuttaropapatikdasha Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 37
________________ द्वितीयो वर्गः] भाषाटीकासहितम् । [३१ - होता है और उस पर भी विशेषता यह कि वह चारित्राराधना भी राजकुमारों ने की । अतः प्रत्येक प्राणी को इस उत्तम मार्ग का अवलम्बन कर मोक्ष की प्राप्ति करनी चाहिए। द्वितीयो वर्गः ममाप्तः।

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