Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Vishva Vidyapith
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समस्त गाथा ६४८।
इति भी श्रीमंत महाराव जसवन्त विरचिते समश्लोकी भाषायां प्रयोष चन्द्रोदय नाटके उपनिषध देवा पर शास्त्र-संवाद वर्णनं नाम षष्टम अंक समाप्तः ।। सं. १८३७ शाके १७८२ शर्वरी नाम संवत्सर प्रति पत्र ६०, पं. १२ अ. ३२ ।
[ स्थान वृहद् शान भण्डार]
(६) कथा (१) गणेशजी की कथा। हुलास
मादि
संकट मरदन करौ गौरी सुत गणेश । विघ्न हरन पर सम करन काटन सकल कलेश ॥ सुमति देह दुर्मति हरन काटन कठिन कलेश । भुस्नर मुनि सुमिरत रहै प्रथम नाम गणेश ॥ १ ॥
दोहा सुमिरन करि गणेस की हरि चरनन चित्त लाई । संकट चौथि महिमा सुनी, कथा कहौं समुझाई ।।
पंत
गण नायक की कथा यह संमे कीती मद्वि बिलास ।
जथा बुद्धि माषा रची जडमति दास हुलास ॥ ४२ ॥ इति श्री गणेशजी की.कथा संकट चौषि व्रत संपूर्ण ।
संवत १८८७ ना वर्षे महा मास शुक्ल पक्षे द्वितीया तिथौ २ सनौ वासरे लि. मु० रंगजी । प्रति परिचय-पत्र१२ साइज alx४॥ प्रति पृ० पं० प्रति पं०७०
[ राजस्थान पुरातत्व मंदिर, बयपुर ]