Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Vishva Vidyapith
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पृ०
१०
अशुद्ध जनौधन मारणक फल बाहुल
११
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५२
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२४
दृष्ट उपाय श्रतः अहिन श्रीखुदाइ श्रीपरमजी मर्म वीज को सुक्रिय
आयु भावही अनुसारंच वर वाज स्वयं ब्रह्मा अद्व त्यां
ज्यों धन मारणक क बल बाहुल्य सो बढ़ अभ्यास ताते साहिब श्रीग्बुवाश जीयराम मर्म जीव की अकिय आपु लाव ही अनुमारांच वर वाज स्वयमेव ब्रह्म अद्वता सूक्ष्म अकरं प्रकल्पं अरु चित श्रह आसा करन
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२३
अकरं अचलं प्रकल्प अस वित्त अढे आहा करन करनम
ऊडंडी अंतिम वसि
पास प्रति
कुल देवत १२ भट्ट
बतनी सुति
अडंडी बलि दास
पुनि
५८
कुलदेच्या
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नतनी
सुधि