Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Vishva Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 296
________________ ( ३३ ) शुद्ध २२३ प्रसस्ति ताले विलंद गौहर २२३ इसक इसक किम्मत पदर चित्रांगिय अर वानिय विकट उक्ता सुरिख, कायब उपलब्ध २३ २९ पृ० पं0 अशुद्ध २२३ प्रशिस्ति २२३ १६ तले विजद २२३ १८ जौहर १६ इसक इवक किम्मत पदा २२३ चित्र गिय २२३ २१ अह वानिय निकट उक्त सुरिख, कापन अलब्ध २२४ ३ से पर २२४६ सिसुरा । सम इच्छपाक २२४ १० धुवति मन साहिढ । अवन सुबहान अबदिन पर फलक तत्र २२४ १२ अति परिगह गछाह २२४ १३ त्ततुर्थ २२४ १४ रतन सिध २२४ १५ श्रवतिका २२४ ५७/१८ श्रीसिपुरह महास- रिजसरे २२४ १६ सविध २२४ नमे अनुबरतन सेना ध्यते अचण्ड २२४ १८ सुकहित सिपुरा सभा इछा क ध्र वति मनसा द्रिढ अमन सुबह सान आछादित पट फलक तत्र नृपति परिगह उछाह चतुर्थ रतनस्यंघ अवंतिका श्री सिपुरारे महासरिजतरां सानिध नाम्ने अनुज रतन सेना धनवंते रुपचंद्र सुकलित

Loading...

Page Navigation
1 ... 294 295 296 297 298 299 300 301