Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 4
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Vishva Vidyapith

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Page 281
________________ ( १८ ) पृ० ५० १४८ ११ १४८ १४ १४८१६ १४८ २३ शुद्ध चतुर कातिग अभय हर्ष कोनि वर्द्धमान जि (न) अंत १५८ अशुद्ध चतुद कतिग अथय हरदव कीर्ति वर्द्धमानजि (न) अत प्रणभई उद्योत पद्य-४ अति सुन्दरभित कंठ सुजन ॥४१॥ प्रणाम उदय (ज्ञानसागर गणि शिप्य) १४६३ १४६ २१ १५० १२ १५० २१ १५० पद्य-४८ भति संदरभित कंठ जो सुजन ॥४८॥ नामा महाव्रत १५२ १५२ १५२ जु इहां ० 0 W wK २ २ १० नाम भत्रहात्रत जइहां. छपियो दीये सपीये राजत्रय वदत छमियो दीपे सवैये रत्नत्रय वदन १५३५ १५३ ६ १५३ १५३ १८ १५३ २५ १५३ वडे गोन सरस विकभ नप पाचाय कुडपुर गोत सहस विक्रम नृप आचार्य कुंडनपुर १५४ ११

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