Book Title: Apbhramsa Pathavali
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Gujarat Varnacular Society

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Page 239
________________ शब्दोनां जुदा जुदा विद्वानो भिन्न भिन्न अभिप्रायो आपे छे. G. P. 2 मां टीका करे छे जेनुं अंग्रेजी भाषांतर हुँ मूकुं छु “ The accent of M., Amg., JM., the poetical Apbhrams'a and mostly of JS. corresponds mainly to the Vedic accent. As the weakening or dropping out as well as the raising of the vowel rests on it, as also the doubling of the consonants in certain cases, it can not be purely musical, but must have been mainy expiratory." आ मतनो आशरो लई 194 मां " A consonant be. tween vowels is doubled sometimes when followed by an accented vowel " अने वळी " The same rule explains the doubling of the suffix c in अल्ल, इल्ल and उल्ल" केटलाक ( Prof.Bloch ) एम माने छे के तैल्य, एक्य, दुकूल्य जेवा शब्दो प्रचारमा हशे तेना उपरथी आ रूपो ऊतरी आव्यां हशे; अने स्वरने तेमां लेवा देवा नथी. आ संबंधी संपूर्ण विवेचन J. R. A. S. April 1916ʻIndo-Aryan Accent in Marathi' by Turner. केटलीक बार शव्दनी मात्रा (quantity) अने संस्कृतनुं व्यंजनतत्त्वटकाववा पण व्यंजनद्वित्व करवामां आवे छे. ६४-६५. आमां विद्दममरगय-सुरघणु; इंदणीलसय-घण; चामियर-विज्जु; हार-बलाय, छायामां बलाहक ने बदले बलाक'हंस' वांचो. कडवक छट्टानी शैली जेमां कहि मि नुं पंक्तिए पंक्तिए बब्बे वार पुनरावर्तन करवामां आव्यु छे. ए शैली चारणोमां बहु प्रचलित छे, अने अंग्रेजी-असर पूर्वेनी गूजराती वर्णनात्मक कवितामां घणी वार देखा दे छे. रामायणमां किष्किन्धाकाण्डमां पम्पा सरोवरना वर्णनमां अथवा कालिदासना रघुवंश. सर्ग. १३. श्लो. ५४-५७ मां आ प्रकारनी शैलीनो अंश मालम पडे छे, पण रूढ शैली तरीके नहि ज. अपभ्रंश काव्योमां तो पगले पगले आ प्रकारनी शैली देखा दे छे. ६८. हुल्ल [पुष्प]; वउल्ल [वर्तुल]; पं. ७४ पहुत्त [प्रभूत ]; पं. ९ उलुक; अल्लीण एमां व्यंजनद्वित्व मालम पडे छे; आमां उलुक

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