Book Title: Apbhramsa Pathavali
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Gujarat Varnacular Society

View full book text
Previous | Next

Page 351
________________ गुहिर [ गभीर ] १२.१५ गू. घे; पा. मा. गेह [गृह ] १४. २. मः घेणे सि. हे. ८. ४. २०९. गोंजि [ दे. ] ५.११६. मजरी. दे: ना. २. ९५. गोड [मोष्ठ ] १४.१३. गू.. गोठो म. गोठण. पा. मा:-गुह घ दे. ] १०.११ पादपाक अव्यय.सि.हे. .. ४.४२४. घंघ [.] १. १३७. घर गू. घंधोलियु. दे: ना. २. १०५. घण [ धन ] १२३. गू. पण (लहारनो) घंडा घंटा] १३. १. गू. हिं. घंट. घत्त [दे. क्षिप्त] २. ११ प्रा. गू. घातवं. सि. हे. ८. ४. १४३. क्षिप् घर [गृह] २. २२. गू. म. हिं. घर घरिणि [ गृहिणी ] ४. ३१५. ... पत्नी गू. घरुणी. घल्ल [ दे. क्षिप् ] ३. १९०. गू. घालवं; हिं. पालना, म घालण सि. हे. ८. ४. ३३४. (उ.) घवघव [ दे, ध्व. क्रि.] १. २४. घूघव. घाअ [घात] १,६६. प्रहार-गू .घा. वित्त [दे. क्षिप्त] १. ८. जुमो घत्त स.-भाष. धिंभ [ग्रिष्म के धर्म] ५. १०२. ताप, गू. म. हिं. घाम म. गिम्द Vघुज्ज [ दे. कर्मणि प्रस] २. ८६. गू. चूंचाइ जई. Vघुल दे.] ५. १२४. खंखेर सि. हे. ८. ४. ११५. म. घोळणे; गू. घोळवं. घुसिण [घुसृण] ६. १५१ कंकु. बृहड [ घूक+5 ] ९. ३२. गू. घूवड; म. गू. हिं. घूड Vघेप्प [ दे. = गे* = गृह् कर्मणिरूप] १०६० ग्रहण करवू. म. घेणे सि. हे. ८.४. २५६. घोल [.] १. २६. गू. घोळवू; हिं. घोलना. उ [चतुः] २. ५३. गू. चो. चउ-कोणी [चतुष्कोणा] २.१०४. म. चौकोण. चउत्थ [चतुर्थ] ६. १५७. ग. चोथु; म. चौथ; हिं. चौथा चउपास [चतुःपार्श्व ] २. १०६. गू. चोपास. चउरंसिय [चतुरस्रिका ] १४.१. चार खुणा वाळी लखचामां जूना वखतमां वपराती स्लेट जेवी काष्ठपट्टिका..

Loading...

Page Navigation
1 ... 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386