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॥१६॥
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११. तोयधरा विचित्रा सुबत्सा, बत्समित्रा १५ ८ सग्रह
सर्वाग्रह १२ २ विस्तार
विस्तार १६ ५ गाथाद्ध
गाथा १२ ५ यजने
योजने १५ ५ विएम
विजएम १४.८ गिरिणं
गिरीणं अथ पुनर ..माह९मी लीटीने बदले ८मी प्रेसदोषना कारणे हस के दीर्घइ आदि अक्षरो बरासमजवी, त्यारवाद खित्ताणं विजयाणं बर छपाया न होय तो वाचकवर्ग स्वयमेव सुधारी लेवा वियड्ढ चउचउरतीसवट्टियरे। सोलस
तथा विशेष अशुद्धि रहेवा पामेल होय तो जणाववा वक्खारगिरी, दो चित्तविचित्त जमगा ॥११॥ नम्र विनंति. आटलं उमेर
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