Book Title: Agam 01 Ang 01 Aacharang Sutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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|| AA UZAÏEN: ||
१ तृतीय हैश के साथ यतुर्थ शडा सम्जन्ध प्रतिपान और प्रथम सूत्र ।
२ शुभाध्यवसाय पूर्व संयम आराधनमें तत्पर मुनि ोध, भान भाया और लोलो टूर डरनेवाला होता है; यह जात तीर्थरोंने ही है। तीर्थपुरों हे उपदेशा अनुसर डरनेवाला साधु साहान प्रा-अष्टादृश पापस्थानों प्रा, अथवा प्रषायों डा वमन डरनेवाला और स्वङ्गत भ
ST नाश डरनेवाला होता है ।
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3 द्वितीय सूत्रा अवतरा और द्वितीय सूत्र ।
४ भेजेड हो भनता है वह सजो भनता है, भे सजो
भनता है वह जे भनता है ।
4 तृतीय सूत्रा अवतरा और तृतीय सूत्र ।
६ प्रभाही सजसे भय रहता है और अप्रभाहीको डिसीसे ली
नहीं !
७ यतुर्थ सूत्रा अवतरा और यतुर्थ सूत्र ।
८ भेडा उपशम डरता है वह जहुता उपशम डरता हैं, जहुता उपशम डरता है वह जेडडा उपशम डरता है । ← पांचवें सूत्रा अवतरा और पांयवां सूत्र ।
भे
१० धीर मुनि - षड्भवनिप्राय सोऽडे हुःजारा भो भनडर, त्राहि तथा हिरएयसुवर्णाहिडी ममता छोडडर यारियो ग्रहा उरते हैं और परसे पर भते हैं, जेसे मुनि अपने भुवन डी जलिलाषा नहीं रजते हैं ।
११ छठे सूत्रा अवतरा और छठा सूत्र ।
१२ जेा विवेयन डरते हुये दूसरोंडा ली विवेयन डरता है, दूसरोंडा विवेयन उरते हुये जेा ली विवेयन डरता है । १३ सातवें सूत्रा अवतरा और सातवां सूत्र । १४ भोक्षालिताष३प श्रद्धावासा, नैनागमडे अनुसार जायरा डरता हुआ, भेघावी अप्रमत्त संयमी क्षपको प्राप्त डरता है ।
१५ आठवें सूत्रा अवतरा और आठवां सूत्र । १६ षड्भुवनिप्रायडे स्व३पडो भिनोत प्रारसे भनडर, भिससे षड्भवनिप्राय सोझो डिसी प्रकारका लय न हो
શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૨
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