________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनुपम समयज्ञता
माहब के उपाश्रय आने का कार्यक्रम स्थगित रहा। उन्हें सीधा अपने डेरे पर ले जाया गया ।
विरोधी पार्टी जिसने कि अपनी सब तैयारी कर ली थी, भूलेश्वर के ईर्द गीर्द लठधारी गुण्डों की नियुक्ति कर रक्खी थी, वैरिस्टर साहब के सीधे उतारे पर जा पहुंचने की बात जान कर अचंभित रह गइ तथा अपनी जीत समझ बहिष्कार के वाताव. रण को उग्र बनाने लग गई।
इधर महाराजश्रीने अपनी उपदेश धारा बदली। प्रतिदिन व्याख्यान तो चालू ही थे। महाराजश्रीने कषायों का विषय छेड दिया। उनकी स्थिति और प्रभाव का ऐसा मार्मिक व हृदयस्पर्शी विवेचन के साथ उपदेश दिया कि '५-७ रोज में ही महाराजश्री के उपदेश से वातावरण में शांति फैल गइ। फिर भी मानसिक तनातनी दोनों ही पक्षों में साफ नहीं मिटी थी। एक दिन दोनों ही पक्षोंने अपनी जिद्द छोड महाराजश्री से विनंती की कि आप जो कुछ आज्ञा करेंगे हमें शिरोधार्य है। आपकी दीर्घदृष्टि और समयज्ञता और समाज के ऐक्य की भावना से ही समाज एक बहुत बड़ी आपत्ति से बच गया है अब जैसे भी हो इस रही सही हिचकिचाहट को भी दूर कर दें।
महाराजश्रीने रागद्वेष के परिपाक ओर संसार भ्रमण के मूल कारणों की तरफ सबका ध्यान आकर्षित किया। लोगों के मनको समभाव की ओर अग्रसर किया और बाद में श्री बैरिस्टर साहब की शुद्ध भावनाओं व सेवाओं की अनुमोदना करते हुए कहा कि
For Private and Personal Use Only