Book Title: Jain Darshan Me Dravya Gun Paryaya ki Avadharna Author(s): Sagarmal Jain Publisher: L D Indology Ahmedabad View full book textPage 6
________________ विषयानुक्रमणिका 3 1. जैनदर्शन में सत्ता का स्वरूप 2. सत् का स्वरूप 3. सत् या द्रव्य के परिवर्तनशील या अपरिवर्तनशील पक्ष की समीक्षा 4. पंच अस्तिकाय और षद्रव्यों की अवधारणा षद्रव्य 6. आत्मा का अस्तित्व 7. एकात्मवाद की समीक्षा 8. आत्मा के भेद 9. जैविक आधार पर प्राणियों का वर्गीकरण 10. गतियों के आधार पर जीवों का वर्गीकरण 11. आत्मा की अमरता 12. आत्मा की नित्यानित्यात्मकता 13. आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म 14. धर्म द्रव्य 15. अधर्म द्रव्य 16. आकाश द्रव्य 17. पुद्गल द्रव्य 18. स्कन्धों के प्रकार 19. स्कन्ध के निर्माण की प्रक्रिया 20. काल द्रव्य 21. कालचक्र 22. षद्रव्यों का पारस्परिक सहसम्बन्ध 23. जड और चेतन का पारस्परिक सहयोग 24. द्रव्य या सत् की अनेकान्तदृष्टि 25. द्रव्य और गुण 26. गुण का स्वरुप 27. द्रव्य और गुण का भेदाभेद 28. गुणों के प्रकार 29. पर्याय 30. जैन तत्त्वमीमांसा की ऐतिहासिक विकासयात्राPage Navigation
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