Book Title: Pahuda Doha Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
View full book text
________________
78.
79
80.
81.
82
83
84
85
श्रवधउ
श्रक्खरु जं उप्पज्जइ । अणु विकिपि गाउ रंग किज्जइ ॥ श्राइं चित्ति लिहि मणु धारिवि । सोउ रिणचितिउ पाय पसारिवि ॥
कि बहुए डवड वडिण देह ण अप्पा होइ । देहहं भिण्णउ णाणमउ सो तुहु प्रप्पा जोइ ॥
दयाविहीउ धम्मडा णारिणय कह वि रग जोइ । बहुए सलिलविरोलियइ करु चोप्पडा रग होइ ॥
मल्लारण वि णासति गुण जहं सह संगु खलेहिं । asसारणरु लोहह मिलिउ पिट्टिज्जइ सुघररोह ||
तित्थई तित्थ भमेहि वढ धोयउ चम्मु जलेर । एह मणु किन धोएसि तुहुं मइलउ पावमलेर ||
22 1
जोइय हियडइ जासु ण वि इक्कु रग रिगवसइ देउ । जम्मरणमरणविवज्जियउ किम पावइ परलोउ ॥
जिम लोणु विलिज्जइ पारिणयह तिम जइ चित्तु विलिज्ज । समरसि हूवइ जीवडा काई समाहि करिज्ज ॥
तित्थई तित्य भमंतयह संताविज्जइ अप्पा भाइयइ रिणव्वाणं पउ
अप्पे
देह |
देहु ॥
[ पाहुडदोहा चयनिका

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105