Book Title: Pahuda Doha Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 56
________________ भुल्लउ जीव वाहि (भुल्लन) भूक 8/1 अनि 'अ' स्वा =भूले हुए (जीव) 8/1 हे जीव अव्यय मत (वह-वाह) प्रे०विधि 2/1 सक =चला (तुम्ह) 1/1 स (अप्पा→अप्पा) वि-(खध)7/1]-अपने कंधे पर (कुहाडि) 2/1 =कुल्हाडी अप्पाखधि कुहाडि उपलेपन कर =घी, तेल मादि लगा =चेष्टाए देहि =खिला सुमधुर प्रहार 12 उज्वलि (उव्वल) विधि 2/1 सक चोप्पटि (चोप्पड) विधि 2/1 सक चिट्ठ (चिट्ठा) 212 करि (कर) विधि 2/1 सक (दा) विधि 2/1 सक सुमिछाहार [(सुमिट्ठ)+(आहार)] (सुमिट्ठ) वि-(आहार) 2/1] सयल (सयल) 1/1 वि अव्यय (देह) 4/1 गिरत्य (णिरत्थ) 1/1 वि (गय) भूक 1/1 अनि जिह अव्यय दुज्जणउवयार [(दुज्जण)-(उवयार) 1/1] -सब कुछ वि देह -देह के लिए -व्यर्थ गय -हुमा जिस प्रकार =दुर्जन के प्रति (किया गर.. उपकार । 13 प्रयिरण पिरा मइलेण रिणम्मला (अथिर) 3/1 वि -अस्थिर (यिर+(स्त्री) थिरा) 1/1वि =स्थिर (मइल) 3/1 वि -मलिन (रिणम्मल-(स्त्री)णिम्मला)1/1वि-निर्मल - | समास मे ह्रस्व का दीर्घ हुआ है (हे प्रा व्या 1-4)। 32 1 [ पाहुडदोहा चयनिका

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