Book Title: Padhamvaggo
Author(s): Nemivigyan Kastursuri Gyanmandir
Publisher: Nemivigyan Kastursuri Gyanmandir

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Page 210
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir उसहसामिणो अट्ठावयगिरिम्मि समागमणं । अक्खयं मट्टियाथलमित्र, मज्झभागसमासीण-कीला-संत-कुरंगेहिं सिहरेहिं दंसिआणेगमयलंछण-विन्भमं, निज्झरपंतीहिं चत्तनिम्मलुत्तरिज्जं पिव, उदचिरमरकंतमणिकिर णेहिं उड्ढपडागं पिव, तुंग-निम्मल-सिहर-ग-संकमिएण आइच्चेण मुद्धविज्जासिद्धबल्लहाणं दिण्णुदयगिरिभमं, मऊरपत्तरइएहिं महंतेहिं आयपत्तेहिं पिव अच्चंत'ऽह-पत्तबहलेहिं तरूहि कयनिरंतरच्छायं, कोउगेण खेयरीहिं लालिज्जमाणेसुं हरिणवालेखें अओ चेव झरंतहरिणीखीरसिंचिज्जमाणलयावणं, परिहियकलीपत्तवसणसवरी-नदृ पेक्खिउं सेणीकयनयणपत्ताहिं देवंगणाहिं अहिडियं, सुरय-संत-उरगी-पीय-मंद-मंद-वणपवण, वणाणिल-नड-कीला-पणट्टियलयावणं, किण्णरीगण-रयारंभ-मंदिरीभूयकंदरं, अच्छराजणमज्जणभरेण उत्तरंगिनसरोवरजलं, कत्थ वि सारि-जूयकेलिपरेहिं कत्थइ पाणगोद्रिरएहिं कत्थ य आबद्धपणिएहिं जक्खेहिं कोलाहलीकयमज्झभागं, कत्थइ सबरनारीहिं कत्थइ किण्णरीहिं कत्थ य विज्जाहरवल्लहाहिं पारद्ध-कीला-गीयं, कत्थ वि पक्क-दक्खाफल-भक्खणुम्मत्तसुगेहिं कयारावं, कत्थ वि अंबंऽकुराऽसणोम्मत्त-कोइल-कय पंचमसरं, कत्थ य नवमुणालाऽऽसायणमत्तहंससरुद्धरं, कत्थ सरियातडुम्मय-कोचकेंकार-रवमुहरं, कत्थ वि आसण्ण-जलहर-दंसणुम्मजंत-मोर-केकारवाउलं, कत्थ य सरोवरपरिसरंत-सारस-सर-सुंदरं, कत्थ वि रत्तासोगवणेहिं कोसुंभवसणं पिव, कत्थ य ताल-तमाल-हिंतालेहि नीलंबरं पिव, कुसुमंचिय किसुयतरुहिं कत्थ वि पीयंसुगं पिव, मालइ-मल्लिका-चणेहिं कत्थ वि सेयवत्थं पिव, एरिसं तं गिरिगरिर्ट अट्ठ-जोयणुस्सएण गयणपज्जंतुण्णय अठावयगिरिं जगगुरू आरोहेइ । सो गिरी वाउ-विकीण्णेहिं तरुकुसुमेहिं निझरवारीहिं च तिजगसामिणो 'अग्धं विहेइ इव । समवसरणं अह सामिपायपवित्तिओ सो अट्ठावयगिरी पहुजम्मणमहसवेण पवित्तीकयमेरुगिरित्तो अप्पाणं हीणं न मण्णेइ, पहरिसिय-कोइलाइ-कूइयमिसेण सो अट्ठावयाऽयलो जगणाहगुणे मुहं गायइ इव । तत्थ चउव्विह-देवा समोसरणं विरयंति अह वाउकुमारदेवा जोयणप्पमाणखेत्तम्मि 'संमज्जणीजीविणो विव खणेण तिणकट्ठाइयं हरेइरे, मेहकुमारदेवा सज्जो अब्भाई पाणियमहिसे विव विउव्विऊण गंधजलेहिं तं पुढवि सिंचेइरे, देवा विसालाहि १ उत्तरीयं-उपरितनवस्त्रम् । २ ऊर्ध्वगच्छत् । ३ 'आपत्र' । ४ 'कदलीपत्र-। ५ पाशफलकतपरैः । ६ पणितैः । ७ किंशुकः-पलाशवृक्षः। ८ अर्ध्यम् । ९ संमार्जनी-सावरणी इति भाषायाम् । For Private And Personal

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