Book Title: Ashtapahud Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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23 मइधणुहं जस्स थिरं सुदगुण बारणा सुअस्थि रयणतं ।
परमत्थबद्धलक्खो रण वि चुक्कवि मोक्खमग्गस्स ॥
24 धम्मो दयाविसुद्धो पव्वज्जा सव्वसंगपरिचत्ता। .
देवो ववगयमोहो उदययरो भव्वजीवारणं ॥
25 सत्तूमित्ते य समा पसंसरिणदालदिलद्धिसमा । . तरणकरणए समभावा पध्वज्जा एरिसा भरिया ॥
26 उत्तममज्झिमगेहे दारिद्दे ईसरे रिणरावेक्खा ।
सम्वत्थ गिहिपिंडा पव्वज्जा एरिसा भणिया ॥
27 पिण्णेहा पिल्लोहा णिम्मोहा णिब्वियार णिक्कलुसा । रिणम्भय णिरासभावा पव्वज्जा एरिसा . भणिया ॥
10 ]
[ प्रष्टपाहुड
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