Book Title: Digambar Jain Muni Swarup Tatha Aahardan Vidhi Author(s): Jiyalal Jain Publisher: Jiyalal Jain View full book textPage 8
________________ धान है । लेखक महोदय ने एतद्विषयक ग्रन्थों व बृद्ध मनोषियों का सम्पर्क कर सम्बन्धित सामग्री का सञ्चयन किया है । विषय संक्षिप्त रूप में किन्तु स्पष्टता के साथ प्रस्तुत किया गया है । उस पर भी लेखक महोदय का सविनय निवेदन है कि कोई त्रुटि रह गई हो तो उसे उन्हें सूचित किया जावे ताकि श्रागामी संस्करणों में उसका परिहार किया जा सके । आशा है जैन-जगत में इस पुस्तक से लाभ उठाया जायेगा । कृति के लिए लेखक महोदय को हार्दिक धन्यवाद । अलीगंज १३-७-६५ } विनीत वीरेन्द्र प्र०सम्पादक 'अहिंसा - वारणी' - Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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