________________
शुद्धि-पत्र
पृष्ठ पंक्ति १ १
अशुद्ध श्री मुनिस्वरूप
श्री दि० जैन मुनिस्वरूप
४ १ ८
१६ १६
.३४ साध
साधु १० करना
करता १८ करे
कर भावन
भाव न १६ काटो आदि काटो मारो आदि १ पूरा
बूरा १४ धर्म
गर्म वर्तनों की शुद्धि में कुछ कांच के वर्तनों को नितांत अयोग्य भी मानते हैं। २ होरने १४ भोजन शुद्ध
भोजन जल शुद्ध
। २०
हैरने
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com