Book Title: Sadharan Jain Stotra Sangraha Author(s): Muktivimal Gani Publisher: Mansukhlal Shah View full book textPage 3
________________ Shn Mahavir Jain Aradhana Kendra www.b org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir श्री दयाविमलजि जैनग्रंथमाला (२२). श्रीमत्पण्डितकीर्तिविमलगणिशिष्यपण्डितलक्ष्मीविमलगणिविरचितः ॥ श्रीसाधारणजैनस्तोत्रसंग्रहः ॥ संग्राहक:-श्रीमत्पन्याससौभाग्यविमलगणिशिष्यपन्न्यासमुक्तिविमलगणिः प्रकाशक:-श्रीराजनगरस्थश्रेष्टिमनसुखभ्रातापतोलीनिवासिश्रेष्ठिभगुभ्रातात्मजजमनाभ्राताभिधगृहिवर्यद्रव्यसाहाय्येन सदायित्वा प्रकाशितच. श्रीवीरनिर्वाणात् २४४५. ई. सन १९२०. विक्रमार्क १९७६. प्रथमावृत्तिः मूल्य वांचनमनन प्रति ५००. INDI RE For Private And Personal use onlyPage Navigation
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