Book Title: Saddha Jiyakappo
Author(s): Naybhadravijay Gani
Publisher: Param Dharm

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Page 11
________________ तपागणाधीश-आचार्यश्रीधर्मघोषसूरिरचितः सवृत्तिः सड्ढ-जीयकप्पो (श्राद्धजीतकल्पः) शुद्धि-पत्रकम् पृष्ठ: पंक्ति: अशुद्ध: शुद्धः पृष्ठः पंक्तिः अशुद्धः शुद्धः १० रुक्ता रुक्ता | ७१ १७ वनस्पिति वनस्पति षविधा षविधा ७१ १८ तैरगर्हितैरचितैर तैरगर्हितैरचित्तैर सक्षेपार्थ: सक्षेपार्थः १७ कुकुड्यण्डक कुक्कुड्यण्डक आचार्यदीनाम आचार्यादीनाम ७९ २० संसक्तचित संसक्ताचित्त रुपेति रुपैति अभिनिबोधि आभिनिबोधि बुद्धया बुद्ध्या ७८ २२ रसगृद्धया रसगृद्ध्या २७ ७ शुद्धया शुद्ध्या ७६ २७ पश्चातापिनोश्च पश्चात्तापिनोश्व ३९ १९ वासकं वासरं ९८ ११ पाण्मासिकाख्यो पाण्मासिकसूत्रेऽवन्त्य सूत्रेऽऽवन्त्य पसमासिकाख्यो ४६ ६ पिता पितृणां ९८ १६ जघन्यमध्यम मध्यमजघन्य ४७ २३ उद्दिष्टोदेशम् उद्दिष्टोद्देशम् - मेकाशनम् -मेकाशनम् सचित्ताचित सचित्ताचित्त ९९ २३ ।७ अङ्का । अङ्का

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