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क़ाबिल
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काय
काबिल-अ० (वि०) 1 योग्य, लायक 2 विद्वान्
निकलना; रखना संबंध बनाए रहना; ~लगना दरकार काबिलीयत-अं० (स्त्री०) 1 योग्यता 2 विद्वत्ता
होना; होना मतलब पूरा होना काबिस-(पु०) 1 लाल रंग की मिट्टी 2 लाल मिट्टी से बना | कामग-सं० (वि०) 1 अपनी इच्छानुसार काम करनेवाला
खेच्छाचारी 2 व्यभिचारी काबुक-मा० (स्त्री०) 1 कबूतरों का दरबा 2 तंदूरी बनानेवाला कामगा-सं० (स्त्री०) पुंश्चली, दुराचारिणी स्त्री कपड़े का गद्दा
कामतः-सं० (क्रि० वि०) जान बूझकर, स्वेच्छा से काबुली-(वि०) 1 काबुल का (जैसे-काबुली चना, काबुली कामद-सं० (वि०) कामना पूरी करनेवाला (जैसे-कामद मेवा) 2 काबुल का रहनेवाला
मणि) काबू-फा० (पु०) 1 अधिकार-वश (जैसे-काबू से बाहर हो कामदी-अं० (कॉमेडी) (स्त्री०) सुखांत रचना
जाना, काबू में रखना) 2 ज़ोर (जैसे-उन पर मेरा कोई काब कामन-वेल्थ-अं० (पु०) राष्ट्रमंडल नहीं है) 3 दाँव (जैसे-काबू पाकर मैने चित कर दिया) कामना-सं० (स्त्री०) अभिलाषा, वांछा काम-सं० (पु०) 1 कामना, इच्छा 2 इंद्रिय सुख की इच्छा कामयाब-फा० (वि०) सफल (जैसे-कामयाब होना) 3 संभोग इच्छा। कला (स्त्री) 1 मैथुन, रति 2 कामदेव कामयाबी-फा० (स्त्री०) सफलता की पत्नी, रति; ~कूट I (वि०) 1कामुक 2 व्यभिचारी कामरेड-अं० (पु०) साथी, सहयोगी II (पु०) 1 कामुकता 2 वेश्यावृत्ति; क्रिया (स्त्री०) कामल, कामला-I +सं० (पु०) +चि० 1 पीलिया रोग संभोगः लचर (वि०) स्वेच्छाचारी; चार (पु०)
2 वसंत ऋतु II (वि०) कामुक, कामात 1 स्वेच्छाचार 2 कामुकता 3 स्वार्थता; चारी (वि०) कामांध-सं० (वि०) अत्यधिक कामातुर 1 स्वेच्छाचारी 2 लंपट, कामुक; ~ज (वि०) वासनाजनित; कामा-अं० (पु०) लघु विराम, अल्प विराम सप्त (वि०) काम से तपा हा देव (पु०) काम का
कामाक्षी-सं० (स्त्री०) कामाख्या, दुर्गा देवता, रति-पति, कंदर्प; ~धुक (वि०) मनचाहा फल कामाग्नि-सं० (स्त्री०) 1 प्रबल कामेच्छा, तीव्र कामवासना देनेवाला; ~धेनु (स्त्री०) स्वर्ग की गाय जो सभी कामनाओं 2 उत्कट प्रेम को पूरा करनेवाली है ऐसा माना गया है ~परता (स्त्री०) कामातुर, कामार्त-सं० (वि०) काम वासना से विकल, कामुकता; ~मद (पु०) काम का नशा, प्रबल कामेच्छा; कामपीड़ित
लिप्सा (स्त्री०) कामुकता, कामवासना; ~लोलुप कामायनी-सं० (स्त्री०) 1 श्रद्धा 2 स्त्री (वि०) वासना से पूर्ण; ~वतील्वान् (वि०) जिसके मन कामायुध-सं० (पु०) कामवाण, फूल में कामना हो; ~वाण (पु०) कामदेव के पाँच बाण. कामार्थी-सं० (वि०) काम की इच्छा रखनेवाला (मोहन, उन्मादन, संतपन, शोषण, निश्चेष्टीकरण) ~वासना कामावेश-सं० (पु०) बासना की उत्तेजना (स्त्री०) कामेच्छा; ~शास्त्र (पु०) काम सबंधी तथ्यों एवं कामित-सं० (वि०) इच्छित विषयों की जानकारी देनेवाला शास्त्र, कोकशास्त्र ~सूत्र
कामिनी-सं० (स्त्री०) 1 सुंदर स्त्री 2 कामवती (पु०) काम शास्त्र का प्रसिद्ध ग्रंथ
कामिल-अ० (वि०) 1 पूरा 2 सब 3 समूचा काम-(पु०) 1 कार्य (जैसे-काम करना, काम बिगाड़ना) कामी-I सं० (वि०) कामनायुक्त II (पु०) 1 लंपट पुरुष 2 मतलब (जैसे-मुझे आपसे कुछ काम है) 3 संबंध 2 विषयी (जैसे-मेरा इस मामले से कोई काम नहीं) 4 स्वार्थ कामुक-सं० (वि०) 1 कामी, व्यभिचारी (जैसे-काम सिद्ध हो जाने पर वह पहचानना भूल गया) कामेडी-अं० (स्त्री०) सुखांत रचना (विशेषतः नाटक) 5 नौकरी। -काज (पु०) काम धंधा; ~काज़ी (वि०) कामोत्तेजक, कामोद्दीपक-सं० (वि०) काम की इच्छा को जिसे अनेक काम करने हों; ~णार + फ़ा० (पु०)
तीव्र करनेवाला 1 कामदार, कार्याधिकारी 2 मज़दूर; चलाऊ (वि०) | कामोद्दीपन-सं० (पु०) 1 कामवासना को तीव्र करना जिससे काम निकल जाए: चोर (वि०) काम से जी | 2 कामवासना का तीव्र होना चुरानेवाला, आलसी, निकम्मा; चोरी (स्त्री०) निकम्मापन; | कामोद्दीप्त-सं० (वि०) जिसकी कामवासना भड़काई गई हो
दानी (स्त्री०) 1 सलमे-सितारे का काम 2 बेल-बूटेदार कामोन्माद-सं० (पु०) 1कामवासना की प्रबलता कपड़ा; ~दार + फ़ा० I (वि०) जिस पर सितारे, कसीदे __ 2 कामवासना के पूरी न होने पर होनेवाला रोग आदि का काम हुआ हो (जैसे-कामदार टोपी) II (पु०) काम्य-सं० (वि०) 1 कामना करने योग्य, इच्छित 2 सुंदर एवं प्रधान कर्मचारी, कारिंदा; दिलाऊ (वि०) काम सुखद 3 जिससे कामना की सिद्धि होती हो (जैसे-काम्य धर्म) दिलानेवाला, काम पर लगानेवाला; ~धंधा, ल्याम 4जो स्वेच्छा से होता हो (जैसे-काम्य मरण)। कर्म 1 काम-काज 2 रोज़गार, व्यवसाय; बाढ़ (स्त्री०) (पु०) फल कामना से किया जानेवाला कर्म-मरण (पु०) अत्यधिक काम, अनेक काम। ~आना 1 इस्तेमाल होना अपनी इच्छा से मरना 2 युद्ध में मारा जाना 3 साथ देना; चलना 1 काम होना | काम्या-सं० (स्त्री०) 1 कामना 2 प्रयोजन 2 काम का चलते रहना; तमाम करना 1 काम पूरा करना
काम्येष्टि-सं० (स्त्री०) कामना सिद्धि हेत किया जानेवाला यज्ञ 2 मार डालना; तमाम होना 1 काम समाप्त करना 2 मारा | (जैसे-पुत्रेष्टि) जाना; ~ निकलना प्रयोजन सिद्ध होना; बनना प्रयोजन | काय-सं० (पु०) 1शरीर, देह 2 संघ, समूह 3 मूलधन ।